Sunday 29 October 2017

रात मे चुदाई का मज़ा लिया भाई के साथ

marwadi aunty ki chudai, gujrati aunty ki chudai, Chudaistory, chudai story, hindi sexy story, Desi kahani, sexy kahani, hindi sexy kahani, sexy khani, hot kahani, hindi hot kahani, sexy kahani hindi me, hindi sex, sexy story, savita bhabhi hindi, desimasala, masaladesi, tamil aunty, sali ki chudai, bhabhi ki chudai hindi sex storyaunty ki chudai, bahan ki thukai, Bhabhi ki chudai, Bhai bahan ki chudai, Girlfriend ki Thukai, Group sex, mummy ki chudai, padosan ki chudai, susur ne choda, uncle or mummy, 
मेरी एक डोर की बुआ के घर शादी थी, हमारे यहाँ शादिया दिन मे होती हैं. Hindi Sex Stories Antarvasna Kamukta Sex Kahani Indian Sex Chudai रात मे बस पार्टी और मस्ती करते हैं. हमारी फॅमिली बोहोट खुली है इसलिए पीने पिलाने का दौर बड़े आराम से चलता है. उस दिन भी शादी के बाद सब मस्ती मे थे. रात बोहोट हो जाने की वजह से करीब करीब सारे बुजुर्ग चले गये थे. अब हम सब तकरीबन एक उमरा के लोग ही थे. हम सब भाई बहें कम और फ्रेंड्स ज़्यादा हैं. मैं काफ़ी सालो बाद उनसे मिल रही थी.
अब तो मैं भारी पूरी जवान हो चुकी थी. सभी लोग ड्रिंक्स ले रहे थे, मैने भी एक बियर लिट ही हालाँकि मुझे पीना पसंद नही है पर सबका साथ देना था. वैसे भी मुझे बोहोट जल्दी चढ़ जाती है. मेरी बुआ की ननंद का बेटा जो की मुझसे करीब 10 साल बड़ा है, भी वहाँ था. वो मर्चेंट नेवी मे काम करते है. उनकी हाइट 5.10” थी और बोहोट गातीला बदन था. उन्होने मुझे करीब 6 साल बाद देखा था, मैने एक नूडल स्ट्रॅप टॉप पहना था स्कर्ट के साथ जो की मेरे बूब्स को पूरी तरह दिखा रहा था. वो काफ़ी देर से मुझे चोर नज़रो से देख रहे थे,
मैने धीर्रे से पूछा क्या देख रहे हो भैया पहचाना नही क्या? वो चौक गये, बोले शारी तू कितनी बड़ी हो गयी है पहचान ही नही आती. हमारी बातो का सिलसिला निकल चला था. शोर के कारण हम एक दूसरे के बोहोट कर्रेब हो कर बात कर रहे थे. अपनी लंबाई का फयडा उठा कर वो मेरे बूब्स को बड़ी आराम से देख पा रहे थे. हम दोनो एक दूसरे की तरफ होकर बैठे थे और हमारे चेहरे बोहोट करीब थे , इतने करीब की मैं उनकी साँसे महसूस कर सकती थी. वो बातो बातो मे मुजसे बिल्कुल सात कर बैठ गये और अपना एक हाथ मे कंधे पर रख लिया.
वो मुझे धीरे धीरे अपनी तरफ खीच रहे थे. तेज़ बजता म्यूज़िक, धीमी रोशनी और कुछ शराब का असर, हम सब कुछ भूलते जा रहे थे. मेरे हाथ उनकी थाइस पे थे और उनका हाथ मेरे कंधे से होकर अब मेरे बूब्स के करीब था. मैने अपना सर उनके कंधे पर यू रखा की हमारे हूँठ एक दूसरे के बिल्कुल करीब हो गये. मुझपर बियर से ज़्यादा भैया का नशा छा रहा था. उन्होने मेरे माथे पे एक किस करते हुए मेरे बूब्स हल्के से दबा दिए.
मैने चिहुनकते हुए कहा भैया यहाँ कोई देख लेगा. ये सुनकर वो मुस्कुरा दिए और कहा की यहाँ नही तो और कहाँ? मैने सरक कर खुद को उनसे लिप्ताते हुए उनके कानो मे कहा आप बस जल्दी से यहाँ से निकालने का प्लान बनाओ. वो कहने लगे बोहोट बदमाश हो गयी है तू शारी, और मेरे गालो पे किस कर दिया. मैं मस्ती मे इतरते हुए उन्हे डॅन्स फ्लोर पे ले गयी, स्लो म्यूज़िक तो नई था पर हम क्लोज़ डॅन्स कर रहे थे. वो मेरी पीठ से लग के खड़े थे और उनके हाथ मेरे शरीर पर रेंग रहे थे. मैने उनसे चिपकते हुए अपनी गंद उनके खड़े लंड पे टीका दी.
ऐसा लग रहा था की उनका लंड पंत फाड़ के बाहर आ जाएगा. उन्होने मेरी कमर मे हाथ डालकर कासके पकड़ लिया और अपना लंड मेरी गंद पे रगड़ने लगे. धीरे धीरे उनका एक हाथ मेरे बूब्स मसालने लगा. मैं इतनी गर्म हो चुकी थी वहीं सबके सामने उनका लंड अपनी छूट मे पिलवा लेती. मैने अपनी गंद ज़ोरो से उनके लंड पे रगड़नी शुरू कर दी और धीरे से एक हाथ उनके लंड पे फेरने लगी, उन्होने कस के मेरे बूब्स मसालने शुरू कर दिए.
मैं समझ गयी की वो भी छोड़ने को मचल रहे हैं. उनका एक हाथ मेरे बूब्स और दूसरा मेरे पंत के उपर से छूट से खेल रहा था. अंधेरे के कारण कोई ह्यूम देख नही पा रहा था. उन्होने मुझे अपनी तरफ पलटा कर कहा- अब और नही रुक सकता शारी, कहीं चल नही तो यहीं कुछ कर दूँगा. मैने मस्ती मे अपने हाथ उनकी गार्डेन मे डाल कर कहा-ना मेरे प्यारे भैया, यहाँ नही बुआ के घर मिलो 15 मीं मे. और अपने होंठ उनके होंठो से लगा के बिना किस किए हट गयी. मैं पागल सी हुई जा रही थी और उनका भी यही हाल था.
मेरी छूट से तो पानी राइज़ जर रहा था, मुझे डार्ट हा कहीं पंत के उपर से दिखने ना लगे. मैं धीरे से मौका देख कर वहाँ से बुआ के घर आ गयी, जो की होटेल के पास ही था. वहाँ पे मैं और मेरी एक कज़िन एक ही कमरे को शेर करते थे, पर सब लोग होटेल मे थे इसलिए किसी को पता चलने का दर ही नही था. घर पोोचते ही मैने भैया को पीयेच कर दिया की वो सीधे उपर वेल गेस्ट रूम मे आ जाए. उनके आने के पहले मे रूम मे धीमी रोशनी कर दी और जल्दी से अपने कपड़े उतार कर सिर्फ़ एक गांजी पहें ली. तभी दरवाज़ा खुला, भैया थे.
मैं दरवाज़े के पीछे छुपी थी, उनके आते ही पीछे से आके मैने उनके लंड को रगड़ना शुरू कर दिया. वो मुझे खीच के बेड पे ले गये. मुझे ऐसे गांजी मे देख के पागल हुए जा रहे थे. मेरे बूब्स पे टूट पड़े, उन्हे दबाते, उन्हे चूस्ते, उन्हे काटते जा रहे थे.. इतना मज़ा तो कभी नही आया मुझे.. मैने धीरे से उनकी शर्ट निकल दी और उन्होने मुझे गांजी से आज़ाद कर दिया.. उनका एक हाथ मेरी चिकनी छूट पे चल रहा था.
वो धीरे से उसमे उंगली करने लगे.. मुझसे रहा नही जा रहा था, मैं उछाल उछाल के उंगली से ही छुड़वाने लगी. वो मेरे निपल्स पर काट रहे थे और मुझे उंगली से छोड़ रहे थे. थोड़ी देर मे ही मेरा पानी छ्छूट गया, मैने उन्हे बेड पे लिटाया और उनकी जीन्स निकल दी. उनके उपर बैठ के मैं उन्हे पागलो की तरफ चूम रही थे. होंठो पे, गले पे, चेस्ट पे, नाभि पे और फिर अंडरवेर के उपर से ही मैने उनके लंड को धीरे से काट लिया.
उन्होने झट से लंड निकल के मेरे मूह मे एक मोटी सी धार छ्चोड़ दी. वो भी झाड़ गये थे. पर उनका लंड अभी भी कड़क था. मैने उसे मूह मे लेके चूसना शुरू किया. कभी जीभ से छत लेती, कभी उसे गले तक अंदर ले जाती, कभी टोपे को कस के चुस्ती, तो कभी अंदो को चुस्ती. थोड़ी देर मे ही वो फिर तनटना गया. उन्होने कहा अब चढ़ भी जा. मैने उनके बात सुनके उसे अपनी छूट पे रखा और टोपे को अपने दाने पे रगड़ने लगी.
उन्होने मेरा हाथ हटा के अपने 7इंच ले लंड को एक झटके मे मेरी छूट मे घुसा दिया. फिर तो मैने उचक उचक के छुड़वाना शुरू कर दिया. मैने उन्हे बैठा लिया ताकि लंड छूट के अंदर तक जाए, मुझे ऐसे चूड़ने मे बड़ा मज़ा आता है. वो मेरे बूब्स चूसे जा रहे थे और मैं हिल हिल के चुड रही थी. थोड़ी देर मे उन्होने मुझे नीचे लिटाया और मेरे छूट को छोड़ना शुरू कर दिया… मैं मस्ती ना जाने क्या क्या बक रही थी.
भैया और ज़ोर से छोड़ो, फाड़ तो मेरी छूट, मेरी छूट का भोसड़ा बना दो.. आआहह… कितना प्यारा लॉडा है तुम्हारा… और ज़ोर से… अंदर तक छोड़ो… आअहह….. ज़ोर से मारो… और ज़ोर से… अपनी बहें को अननी रंडी बना लो.. जी भर के छोड़ो… आआहह….वो पूरी ताक़त से अपना लंड मेरी छूट मे मार रहे थे. मैने झड़ने वाली थी. मैने कहा छोड़ो मैं झड़ने वाली हूँ.. और छोड़ो मेरे भैया.. अपनी बहें को झाड़ा दो मेरे भैया.. छोड़ो.. आअहह….. और मैं झाड़ गयी..
मैं उठकर घुटनो के बाल हो गयी. वो मुझे पीछे से कुत्ते की तरह छोड़ रहे थे.. अपने भी खड़ने वेल थे, कहने लगे ले कुटिया बन के अपने भाई का लंड ले.. सारा अपनी छूट मे ले ले… आअहह… तेरी छूट तो अब मैं रोज़ छोड़ूँगा… ले ले सारा पानी…उन्होने सारा माल मेरी पीठ पे निकल दिया. और वहीं पस्त हो के लेट गये.
थोड़ी देर लेटने के बाद कपड़े पहेने और जाने लगे. मुझे एक बड़ी सी किस देते हुए मेरे बूब्स मसल कर कहा. मैं अपने दोस्त के फ्लॅट पे रुका हूँ वो बाहर गया है. कल वहीं मिलेंगे. अब तो तेरी गंद भी मारूँगा. मैने मिलने का वाडा करके विदा ली.

No comments:

Post a Comment