Tuesday 7 November 2017

भाभी की प्यास ने जीगोलो बनाया

मेरा हेलो दोस्तों मेरा नाम तरुण है मैं २५ साल का हूं और अहमदाबाद में रहता हूं. चलो अब बिना बोर करें मैं आपको स्टोरी की ओर ले जाता हूं. मेरी स्टोरीस पढ़ कर मुझे बहुत सारे मेल मिले, उनमें से मुझे एक मेल जानू शाह नाम से था. उनको मेरी स्टोरी बहुत पसंद आई थी और वह मेरे से जिस्म का सुख चाहती थी जैसे मैंने अपनी पहली स्टोरी में लिखा था उस तरह.
फिर पहले मैंने उससे पूछा आप कहां से हैं? और आपकी इमार क्या हे  वगैरह. उनकी उमर ३४ साल थी और वह सूरत से थी. उनके पति कही विदेश में जॉब करते थे तो वह मुझे उनके तन की प्यास तृप्त करने के लिए बोल रही थी. पहले हमने एक दुसरे की फोटो एक्सचेंज की, मेने उनको कहा था की अगर आप को मेरी फोटो पसंत आई फिर ही हम आगे बाते करने लगे थे. फिर उन्होंने कहा की तुम तो बहोत ही क्यूट हो. और वह मुज से बाते करने लगी थी और हमने मोबाइल एक्सचेंज कर लिए थे और अब हम लोग व्हाट्सअप पर बाते करने लगे थे.
जानू जी कमाल की दिखने में थी. उनकी पिक्स मुझे बहोत अच्छी लगी. वह एक हाउसवाइफ़ थी और उनको एक ६ साल का बच्चा भी था. फिर हमारी बात मिलने की हुई, तो उन्होंने मुझे कहा की हम घर पर नही मिल सकते क्यूंकि उनके सास ससुर उनके ही साथ में एक ही घर में रहते हे. फिर में और वह सोचने लगे की अब हम एक दुसरे को मिले तो कैसे मिले. वह उसके शहर के किसी होटल में मिलने से भी मना कर रही थी क्योंकि वहा पर उसके पति के पहचान वाले किसी ने देख लिया तो गडबड हो सकती थी. फिर हम लोगो ने वड़ोदरा में मिलने का प्लान बनाया, उन्होंने एक रिसोर्ट में रूम बुक करवा दिया.
जब हमने मिलने का प्लान बना लिया तब उसने मुझे कहा था की मुझे तुम्हारी बोडी पे एक भी बाल नहीं चाहिए और मुझे तुम्हारा लंड भी एकदम साफ सुथरा और कडक चाहिए. फिर मेने अपनी पूरी बोडी से बाल साफ कर दिए और एकदम मस्त चिकना माल बन गया की कोई भी औरत एक बार देख ले तो चुदवाये बिना माने ही नहीं. में वह पूरा दिन अपने बोडी को सेक्सी बनाने में लगा दिया और मेने अपने चेहरे पर भी फेसिअल करवा दिया और शेविंग भी कर दी. फिर हमने तय किया था उस तरह मैं मीटिंग के दिन वडोदरा स्टेशन पहुंच गया और वह भी थोड़ी देर के बाद स्टेशन पर पहुच गयी थी. वह मुझे पिक कर के रिसोर्ट में ले गई. जैसे मैंने बताया वो एकदम मस्त कड़क थी उसे देख कर मन  कर था की उसे वही पर पकड कर चोद दू. उस टाइम वह जींस और टॉप पहन कर आई हुई थी.
फिर हम लोगों ने होटल में चेक इन किया और अपने रुम में चले गए.
हम जैसे ही रूम में गए मैं जाकर बेड पर बैठ गया, फिर उन्होंने मेरी तरफ सेक्सी अंदाज में देखा और कहा बेटा अभी तो तुझे बहुत काम करना है, इतना जल्दी तू बेड पर कैसे बैठ गया? फिर मैंने कहा जो हुकुम मालकिन आपकी सेवा में बंदा हाजिर है. और हम दोनों इसी तरह हंसी मजाक कर रहे थे. फिर उन्होंने मुझे कहा चल पहले तू अपने कपड़े निकाल मुझे तेरी बॉडी ठीक से देखनी है. तू अपनी बॉडी से अपने बाल तो निकाल कर आया है ना? जैसे हमारी बात हुई थी.
फिर मैंने पहले उनके सामने अपना टी शर्ट निकाला और फिर अपना शोर्ट भी निकाल दिया, तब मैं सिर्फ अपनी अंडरवेअर में था उनके सामने खड़ा था. फिर वह मेरे पास में आई और मेरी बॉडी को चेक करने लगी. वह धीरे से मेरे बोडी पर अपना हाथ फेर रही थी और मुझे तो एक अजीब सी ख़ुशी मिल रही थी और में तो मानो स्वर्ग की सैर कर रहा था. और फिर उन्होंने प्यार से मेरी बेक पर किस किया और कहा वेरी गुड, आई लाइक योर बॉडी बेटा. फिर मैंने अपने हाथों से उनके कपड़े निकाल दिए और सिर्फ उनको ब्रा और पेंटी पर छोड़ दिया. फिर वह मेरे चेहरे के पास आई और मेरे लिप्स के पास अपने लिप्स रखे और प्यार से चूसने लगी. मुझे भी उनका लिप्स का रस बहुत अच्छा लग रहा था,
मैं भी बड़े प्यार से उन्हें चूम रहा था. फिर मैं धीरे धीरे लिप्स किस में वेरिएशन ला रहा था. पहले कभी उनके ऊपर का होंठ चूस रहा था और कभी उनके नीचे का होठ. उन्हें भी बड़ा मजा आ रहा था मैं कभी उनकी जीभ को पकड़ लेता था अपने मुंह में और उसे चाट देता था. हम दोनों बेड पर बैठ गए और एक दूसरे को बाहों में लेकर लिप्स किस कर रहे थे.
हम लोग ने कम से कम ४५-५० मिनट तक लिप्स किस ही कर रहे थे. फिर हम दोनों अलग हुए, वह बोली कि इतना ज्यादा देर तक मैंने पहले कभी किस नहीं किया था. मुझे बहोत मजा आया बेटा. उनको लिप किस करवाने में बड़ा मजा आया. फिर मैंने कहा आगे आगे देखिए डीयर बहुत कुछ पहली बार होगा आपके साथ. वह बोली देखते हैं छोटे मियां आप कहां तक हमें खुश कर पाते हो.
फिर मैंने उन्हें चाटना शुरू कर दिया. पहले मैंने उनकी हथेलियों को चूमा और फिर धीरे धीरे ऊपर जाते हुए उनकी नेक पर किस कर रहा था, और अपने हाथों से उनके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही प्रेस कर रहा था. तब तक मेरा हाल बेहाल हो गया था. मेरे अंडरवेअर में मेरा लंड खड़ा हो गया था और बाहर आने को बेताब हो गया था.
फिर मैंने उनकी नेक पर किस कर रहा था कभी कभी उनके कानों के पीछे चुम रहा था और दो तीन बार उनके कानों को काट लिया था. जब में धीरे से उनके कान को अपने दांत से काटता तो उनके मुह से  औउ औऊ अम्म ओह्ह अहह निकल जाता, फिर वह भी मेरे चेस्ट को चूम रही थी और तब मैं उनके बूब्स को सहला रहा था, और दबा रहा था.
फिर मैं धीरे धीरे उनके अंडरआर्म्स को चूमने लगा, उन के बगल एकदम साफ थे बिल्कुल भी बाल नहीं थे उसमें. फिर मैंने धीरे धीरे अपनी जीभ से उनके बगल फेरनी चालू की वह एकदम मदहोश होती चली गई. उनके मुंह से आह ओह हहह ओह हहा उम् निकल रही थी. यह सब लड़कियों के सेंसिटिव पॉइंट्स होते हैं जहां कीस वगैरह करने से उनकी एक्साइटमेंट और भी ज्यादा हो जाती है. तो वह एक दम मस्त हो गई थी और गर्म गर्म सांसे ले रही थी और मुझे उसकी सांसें महसूस करके बहुत मजा आ रहा था.
फिर मैंने उनकी ब्रा निकाल दी और उनके बूब्स से खेलने लग गया और उसे सहलाने लगा. फिर मैंने एक हाथ से एक बूब्स सहला रहा था और दूसरे बूब्स को चूस रहा था. उनके बूब्स मस्त ३६ की साइज के थे. उनका फिगर बताना आपको भूल ही गया उनका फिगर ३६-३०-३६ था. उनके बूब्स बहुत मस्त है और एकदम गोरे गोरे मोटे मोटे गोल गोल थे.
फिर मैं उनकी निप्प्ल्स से खेल रहा था. उसी टाइम वह मेरे पीठ पर अपने हाथ से नाखून लगा रही थी और उन्होंने प्अपने नाख़ून प्रेस भी कर दिए थे मेरी पीठ पर. उनके दोनों बूब्स को बहुत देर तक चूसा और उसे बहुत जोर जोर से दबाया, वह  एक्साइट हो गई और मुझे सर से पकड़कर लिप्स किस करने लग गई. वह बहुत जोर जोर से कीस कर रही थी और मेरे लिप्स को काट दिया उन्होंने, फिर मैं भी मस्त होकर चुम रहा था.
इसी बीच उनकी चूत से बहुत रस निकल गया था, उनकी पेंटी एकदम गीली हो गई थी. फिर हम दोनों अलग हुए और मैंने अपने लंड की और इशारा करते हुए कहा इस का तो पानी निकालो, आई मीन मेरे लंड का, जो अब खड़ा था. मेरा लंड का साइज ६.५ इंच लंबा और ३.५ इंच मोटा है.
फिर उसने मेरी अंडरवेअर मेरे शरीर से अलग कर दी है और वह मेरे लंड को हाथों में ले लिया और उसे खेलने लगी. फिर उन्होंने मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी और मेरे अंडो से खेलने लगी, कभी वह पूरा  अंदर ले गई कभी बाहर निकल रही थी कभी मेरे लंड के अगले हिस्से को जिसे हम टोपा कहते हैं उसके अपनी जीभ से  खेल रही थी. इस तरह वो बिलकुल मस्ती से मेरा लंड चूस रही थी. मैंने उनको सर से पकड़ रखा था और उनके पीछे से प्रेस कर रहा था और मेरा लंड उनके गले तक जा रहा था.
उनकी भी गति बढ़ गई थी अब मेरा निकलने वाला था. फिर मैंने उनसे कहा मेरा निकलने वाला है तो वह बोली कोई बात नहीं मुझे टेस्ट करना है तेरा स्पर्म कैसा माल है वह में भी चेक करती हूं.
फिर मेरा माल निकल गया और वो एकदम मस्ती से पूरा चाट गई थी. फिर उन्होंने चाटकर पूरा लंड और अंडा साफ किया और फिर हम दोनों ने एक दूसरे के बाहों में चिपक कर बैठ गए.
फिर हमने टीवी ऑन किया और ज्यूस वगैरह पिया यह सब सेशन करने में हमने कम से कम २ घंटे निकाल दिए. फिर आगे कहानी में क्या हुआ आप लोगों को मैं अगले पार्ट में बताता हूं.

Sunday 5 November 2017

दोस्तों की मकानमालिकिन आंटी की चुदाई

हेल्लो दोस्तों मैं गांधीनगर से एक बार फिर से अपनी स्टोरी लेके हाजिर हूँ आपके पास. तो बढ़ते हैं स्टोरी की ओर. मेरा दोस्त जहाँ रहता था वो लोग अब बाहर रहने जानेवाले थे तो उसे दुसरे घर में सामन शिफ्ट करना था. क्यूंकि वो मेरा अच्छा दोस्त था इसलिए उसने मुझे हेल्प के लिए अपने घर बुला लिया.
तो मैं गया उसके साथ. जैसे ही हम पहुंचे वहा एक आंटी खड़ी थी. एकदम मस्त लग रही थी. उसे देखते ही मेरी नज़र उसके ऊपर रुक गई. मैंने मेरे दोस्त से पूछा की ये आंटी कौन हैं तो उसने बताया की उसका ही घर हैं जिसमे वो रहने आ रहा हैं. पर सच में दोस्तों क्या माल लग रही थी ब्लेक साड़ी के अन्दर. शायद ३० की होगी वो. एकदम फिटिंग ब्लाउज में उसके बूब्स मचल रहे थे बहार निकलने को. उसे देखते ही मेरी तो कामवासना जाग उठी.
फिर हम सामान उतारने लगे. सारा सामान रूम में लगाकर रख दिया. धुप बहुत थी तो हमारी हालत ख़राब हो चुकी थी. तो थोड़ी देर हम बैठ गए. फिर प्यास लगी थी हमें और रूम में पानी नहीं था तो मेरे दोस्त ने कहा की जा और उस आंटी से पानी मांग के ले आई. मैं गया तब तक वो वही दरवाजे पर खड़ी थी. मैंने जाके उनसे पानी माँगा. वो थोडा सा मुस्कुराई और बोली की लाती हूँ. फिर वो अपनी मोटी गांड मटकाते हुए अन्दर पानी लेने चली गई.
मैं भी उनके पीछे पीछे अन्दर घुस गया और उनसे पूछा की अंकल दिखाई नहीं दे रहे? तो उन्होंने बताया की उन्हें जॉब की वजह से कही भी जाना पड़ता हैं और अभी मुंबई गए हैं कल ही. मैंने पूछा की और कौन कौन रहता हैं घर में तो उन्होंने बताया की उनका एक बेटा हैं और वो भी पढने के लिए बंगलौर गया हुआ हैं. फिर मैंने पानी की बोतल ली और दोस्त के रूम में चला गया. फिर हमने पानी पी लिया और मैं वही सो गया.
शाम को वो हमारे रूम में आई. पर हम थके हुए थे तो तब सोये ही थे. उन्होंने मुझे जगाया. मैं उन्हें देखता ही रह गया. लाइट पिंक साड़ी में वो बहोत ही खुबसूरत लग रही थी. फिर मैंने अपना मुहं धोया. वो बोली की बहार जा रही हूँ और उसे रूम की चाबी देनी थी. उसने कहा की अगर किसी चीज की जरुरत हो तो मुझे फोन करना और हमने अपने नम्बर एक्सचेंज किये. मैंने कहा की मेरा दोस्त यहाँ रहनेवाला हैं मैं नहीं तो उन्होंने थोड़ी नोटी स्माइल दी और वो चली गई.
रात को करीब ११ बजे उनका फोन आया. दिन के काम की वजह से मैं बहोत थक गया था तो सो गया था. मैंने मोबाइल की स्क्रीन देखी नहीं और नींद में ही उनका फोन रिसीव किया. सामने से लड़की की आवाज आई हेल्लो तो मैंने स्क्रीन देखी तो आंटी का फोन था. मैंने शोक हो गया. मुझे पता था की उनका फोन आएगा पर इतनी जल्दी ये नहीं सोचा था कभी. फिर हमने बातें शरु की और करीब १ बजे तक हमारी बात चली. फिर हम सो गए.
दुसरे दिन दोस्त की कुछ चीजें मेरे पास थी तो वो लौटाने के बहाने मैं वहाँ गया. तब वो सब्जी खरीदकर आ रही थी. मैंने उनको देख के स्माइल की और वो भी हंस पड़ी. अब हम रोज बातें करने लगे. कभी कभी एडल्ट बातें भी हो जाया करती थी. वो मेरे साथ बहोत खुश थी शायद.
फिर एक दिन वो बात करते करते रोने लगी. उन्होंने कहा की उनका पति उनका जरा भी वेल्यु नहीं करता, ठीक से बात भी नहीं करता और कभी कभी मारता हैं उन्हें. मैं चुप था पता ही नहीं चल रहा था की क्या बोलू.
फिर मैंने कहा की मैं कल आप के घर आ रहा हूँ तब हम आराम से इस टोपिक पर बात करेंगे पर फिलहाल के लिए चुप हो जाइए आप. वो रोये ही जा रही थी चुप नहीं हो रही थी तो मैंने उन्हें थोड़े जोक्स सुनाये और वो हंस पड़ी.
फिर मैंने एडल्ट जोक्स सुनाये तो वो बोली की ऐसे जोक्स मुझे पसंद नहीं हैं. मैंने कहा ठीक हैं और चुप हो गया मैं. फिर वो मुस्कुराई और बोली की अच्छा बाबा बोलो. मैं खुश हो गया और हमने अब एडल्ट बातें चालु कर दी.
दुसरे दिन मैं उनके घर पहुंचा. मेरे मन में लड्डू फुट रहे थे. डोरबेल बजाई तो उन्होंने ही दरवाजा खोला. दोपहर का टाइम था और बहार धुप थी तो मुझे पसीना आ रहा था और थोडा डर भी लग रहा था. उन्होंने अंदर बिठा के मुझे ज्यूस दिया. वो मेरे पास आई और मेरा पसीना पोछने लगी. उनके दोनों बूब्स मेरी आँखों के सामने आ गए थे.
मैं अपनी नजर ही नहीं हटा प् रहा था उनके बूब्स पर से. मेरा लंड खड़ा हो गया था जींस के अन्दर ही. और लंड का आकार जींस के ऊपर एकदम साफ़ दिख रहा था. शायद उन्होंने भी मेरा खड़ा लंड देख लिया था और पास आई और उनके बूब्स मेरे मुहं से चिपक गए. मैं अपने आप को कंट्रोल नहीं कर पाया. मेरे हाथ से उनकी कमर को पकड़ के मैंने उन्हें अपनी और खिंचा और फिर एक झटके से उन्हें सोफे के ऊपर लिटा दिया.
वो बोली ये क्या कर रहे हो तो मैं कहा की आप जो मुझसे चाहती हैं वही तो कर रहा हूँ. वो हंसी और मैं उनके बूब्स पर अपने सर रख के हिलाने लगा. और ब्लाउज के ऊपर से ही मैं उनके बूब्स को धीरे धीरे से मसलने लगा. वो मदहोश होने लगी थी. फिर मैंने अपने हाथ उनके ब्लाउस में डाल दिए, उनके बुबे बहोत ही नर्म थे. आंटी को भी ये सब बड़ा अच्छा लग रहा था.
फिर मैंने उनका ब्लाउस निकाल दिया और फिर ब्रा भी निकाल दी. एक बूब को अपने मुह में लिया और दुसरे बूब की चुन्ची को पकड़ने लगा. शायद आधे घंटे तक ये सब करने के बाद वो बोली की चलो बेडरूम में चलते हैं. हम बेडरूम में चले गए. वहाँ जाते ही वो अपने घुटनों के बल बैठ गई और मेरा पेंट उतार दिया. और मेरे खड़े हुए लंड को अंडरवेर के ऊपर से ही चाटने लगी. फिर थोड़ी देर बाद मैंने अपनी टी-शर्ट और अंडरवेर निकाल दी और पूरा नंगा हो गया.
फिर उनको मैंने उठाया और बेड पे लिटा दिया. वो सिर्फ घाघरे में थी. मैं उनके ऊपर लेट गया और उन्हें किस करने लगा. थोड़ी देर किस करने के बाद मैंने उनका घाघरा निकाल दिया और उनकी चूत को चड्डी के ऊपर से ही चाटने लगा. चड्डी के ऊपर से ही मैंने अपनी जीभ उनकी चूत में डाल रहा था. वो एकदम आहें भर रही थी. फिर मैंने धीरे धीरे उनकी चड्डी भी निकाल दी.
अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी. उनकी चूत क्लीन शेव्ड थी तो मैंने पूछा की मेरे लिए शेव किया हैं क्या? तो उन्होंने बताया की आज सुबह ही नहाते वक्त शेव कर ली थी चूत को. और थोडा शर्मा गई वो ये कहते कहते. उनकी चूत एकदम गुलाबी थी मैंने एक ज़टके से अन्दर ऊँगली डाली तो वो चिल्ला उठी आह्ह्ह्हह्ह. और वो बोली की जरा धीरे करो ये पिछले ५ महीने से ऐसी ही पड़ी हैं जोर से करोगे तो दर्द होगा. पर मैं शरु हो गया था तो रुका नहीं और ऊँगली अन्दर बहार करने लगा. वो आह आह आह आऐईई स्सस्सस्स कर रही थी और सिसकियाँ लेने लगी थी. वो मेरे हाथो में ही झड़ गई.
अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैंने उन्हें किस की और लेट गया उनके ऊपर और बूब्स दबाने लगा जोर जोर से. और अपने लंड को आंटी की चूत पर रगड़ने लगा. वो आह्ह आह्ह कर रही थी. फिर मैंने अपने लंड को सेट किया और एक ही ज़टके में अपना पूरा लंड डाल दिया उनकी चूत में. उन्हें इतना दर्द हुआ की उन्होंने अपना नाख़ून मेरी पीठ में घुसा दिए. मुझे थोडा दर्द हुआ पर मैं होश में नहीं जोश में था तो ध्यान नहीं दिया उसपे और आराम से अन्दर बहार करने लगा और किस भी करता रहा.
वो थोड़ी शांत हुई तो मैंने अपनी स्पीड थोड़ी बढाई और वो भी मुझे साथ देने लगी.
फिर मैंने खड़ा हो गया और उनकी दोनों टाँगे उठा के मेरे कंधे पर रख दिया और चूत में अपना लंड सेट किया. और बड़े आराम से अब मैं उन्हें चोदने लगा. उन्हे बहोत दर्द हो रहा था इस पोज़ीशन में तो मैंने उनकी दोनों टांगो को फैला दिया और अपने दोनों हाथ उनकी कमर पर रख दिया और आराम से ज़टके मारने लगा. उन्हें इतना दर्द हो रहा था की वो अपने हाथो से बेडशिट को नोंच रही थी और आँखों से पानी कंट्रोल नहीं हो रहा था उनसे तो मैंने अपना लंड निकाल दिया. और उन्हें शांत करने के लिए उनके ऊपर लेट गया और उन्हें किस करने लगा.
फिर मेरा लंड मैंने उनके हाथ में दिया और वो बड़े प्यार से सहलाने लगी. फिर मैंने झड़नेवाला था तो मैंने कहा की मैं झड़ने वाला हूँ तो वो उठी और मेरी टांगो की बिच में बैठ गईऔर थोड़ी तेजी से मेरे लंड को हिलाने लगी और मेरे लंड को अपने मुहं में लेने लगी. मैं झड़ने वाला था तो मैंने उनके सर को अपने लंड पे दबाने लगा और फिर उनके मुह में ही झड़ गया. वो मेरा सारा पानी पी गई.
फिर वो मेरे ऊपर आई और हम करीब १५ मिनिट तक ऐसी ही नंगे पड़े रहे. कोई बातचीत नहीं एकदम चुप. फिर उन्होंने मुझसे पूछा की तुम्हे अपना लंड क्यूँ बहार निकाल लिया था तो मैंने कहा की मैं तुम्हे दर्द दे के खुद मज़ा नहीं लेना चाहता था तो वो रो पड़ी और अपना सर मेरे सिने पर रख दिया.
मैंने पूछा की क्या हुआ तो उन्होंने बताया की उनके पति ने कभी इस तरह से उनसे बात नहीं की और कभी इतनी इज्जत नहीं दी. लास्ट ५ महीने से वो बहार ही किसी के पास जा रहे थे और उनके साथ कभी सेक्स नहीं करते थे. इसलिए आज उन्हें बहुत ज्यादा दर्द हुआ. वो रोते रोते मुझसे माफ़ी मांग रही थी और मेरे लंड को सहला रही थी और मैं उनके बालों में हाथ फेर रहा था. मैंने कहा की कोई बात नहीं अब मैं हूँ न और उनके सर को चूम लिया मैंने.
फिर उन्होंने नाख़ून लगाये थे वहां पर थोडा मरहम लगा दिया. उन्होंने बताया की उनका पति ३ दिन के बाद आनेवाला हैं तो आज रात यही रुक जाओ तुम. तो मैंने हा कर दिया. फिर हम साथ नहाने के लिए गए और वहां बाथरूम में भी सेक्स किया. दोस्तों उस रात को तो इस आंटी ने बड़े मजे करवाए अपनी चूत और गांड के. चूत के जैसी ही उनकी गांड भी बड़ी टाईट थी!

दो बहनों ने पार्क में मजे किये

हाई दोस्तों मेरा नाम विकास हैं और मैं २० साल का हूँ. ये स्टोरी मेरे फ्रेंड तरुण -२५ साल और उसकी गर्लफ्रेंड रितिका – २२ साल और रितिका की छोटी सिस्टर रितु – १९ साल के अराउंड घुमती हैं.
काफी दिनों बार तरुण को कोई न्यू गर्लफ्रेंड मिली हैं. रितिका उसे फेसबुक से मिली थी. रितिका दिखने में कुछ ख़ास नहीं हैं लेकिन चुदाई के लिए चल सकती हैं. उसके बूब्स बड़े हैं ३६ की साइज़ के और गांड भी एकदम बड़ी हैं. तरुण का दिल बल्कि लंड उसकी इस बड़ी गांड  में अटक सा गया था. २ महीनो की चेटिंग के बाद फाइनली वो मिलने के लिए राजी हो गए.
पर रितिका अपने घर से अकेले नहीं आ सकती थी वो अपनी छोटी बहन रितु को भी साथ ले के आ गई. प्रॉब्लम ये थी की रितु साथ में हो तो रितिका और तरुण चुदाई नहीं कर सकते थे. वैसे तरुण ने मुझे कहा था की रितिका लंड चूसने और मुठ मारने भर को ही रेडी हुई थी. लेकिन वो भी अपनी बहन के सामने तो नहीं कर सकती थी न वो.
तो तरुण ने इस प्रॉब्लम का हल सोचा की वो मुझे अपने साथ में ले के जाएगा. सो धेट मैं रितु के साथ बातों में लगूंगा और उतने में वो और रितिका अपनी हवस मिटा लेंगे.
ये मेरी फर्स्ट ब्लाइंड डेट जैसा था तो मैं भी थोडा नर्वस सा था. और फाइनली हम दोनों सन्डे को उन दोनों को लेने गए. मैंने जब रितिका को देखा तो मेरा दिल बैठ गया. वो उतनी ख़ास नहीं थी पर फिर सोचा की उसकी बहन तो सेक्सी होगी. उतने में पीछे से रितु भी आ गई. वो चहरे से खिली हुई और एकदम सेक्सी थी. रंग हालांकि काला था लेकिन फिगर और नक्शा एकदम सेक्सी था उसका. ऊपर से वो दिखने में वर्जिन लग रही थी. वैसे मैंने तो बहुत चुदाई की हैं लेकिन वर्जिन फुदी आजतक नहीं आई थी हाथ में मेरे.
कार से पार्क में जाते टाइम में मैंने रितु को नोट किया. उसके बूब्स ३४ के होंगे और वो बहन की जैसी ही थोड़ी मोटी थी. उसकी गांड भी एकदम बड़ी और गोल थी. रस्ते में हम लोग मस्ती मजाक कर रहे थे. फाइनली हम लोग पार्क में आ गए और वहां जाकर हम अलग अलग हो गए.  तरुण रितिका को ले के झाड़ियों में चला गया और मैं रितु के पास बैठ के बातें करने लगा.
तरुण ने जाते ही रितिका को अपनी बाहों में भर लिया. वो रितिका के बूब्स को अपने चेस्ट पर फिल कर रहा था और हग करते करते उसके हाथ रितिका की कमर और गांड पर चला रहा था. रितिका तो वैसे ही हॉट रहती हैं हमेशा सो उसने भी तरुण का पूरा साथ दिया. २ मिनिट हग करने के बाद वो अलग हुए. और अब तरुण ने रितिका को कमर से पकड लिया और उसके होंठो पर अपने होंठो को लगा के किस करने लगा. दोनों ही वाइल्ड किस कर रहे थे एक दुसरे को. दोनों के जीभ, होंठ और थूंक सब एक हो गया था. रितिका सिसकियाँ लेने लगी अह्ह्ह्ह आह्ह्ह अह्ह्ह आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह!
तरुण ने उसे छोड़ा और उसके बूब्स अपने हाथ में जकड़ लिए और उन्हें मसलने लगा. रितिका ने जोर जोर से सिसकियाँ शरु कर दी अब तो, अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह तरुन्न्न्नन्न्न्नन्न अह्ह्ह्हह्हईईईइ अह्ह्हह्ह्ह्ह.
तरुण ने अब रितिका को लिटाया और उसकी टी-शर्ट को ऊपर किया और उसकी ब्लेक ब्रा को भी ऊपर किया. अब उसके सामने ३६ साइज़ के मोटे मोटे निपल्स वाले बूब्स साफ़ थे और रितिका का मोटा पेट भी. उसने दोनों को पकड़ा और आराम से राईट निपल के पास गया  और अपनी जीभ से उसने इस खड़े निपल को चूसा. रितिका तो उसके स्पर्श पाते हुए उछल पड़ी. तरुण उसके ऊपर आया और उसके बूब्स को जोर जोर से चूसने लगा.अब मेरी और रितु की बारी!
रितु ने मुझे बताया की वो १०वी क्लास में हैं और उसका अब तक कोई बॉयफ्रेंड नहीं था. हम एक जगह बैठ कर बातें कर रहे थे और मैंने उसे इशारे से एक खंडर दिखाया और कहा की चलो वहां चलते हैं. वो मान गई. मैं उसका हाथ पकड के चल रहा था. तभी वो हल्का सा फिसल गई मैं उसे संभाल लिया. मुझे संभालने के लिए उसकी कमर को पकड़ना पड़ा था. और वो मेरे सिने से आया लगी थी. उसके बूब्स ने मेरे लंड को खड़ा कर दिया. हम थोडा सा अलग हुए और उसने मुझे स्माल दी. और फिर नोर्मल हो गया सब कुछ.…
इधर रितिका बड़े मजे से अपना दूध चुसवा रही थी तरुण से. दोनों बिलकुल मस्त हो चुके थे. ५ मिनिट चूसने के बाद तरुण रितिका की जींस की तरफ बाधा और उसे उतार दिया. रितिका ने अन्दर पेंटी नहीं पहनी हुई थी और उसकी बड़ी काली देसी चूत तरुण के सामने थी. रितिका को जैसे होश नहीं था वो तो बस मजे लुट रही थी तरुण के साथ में. तरुण ने फिर उसकी मोटी टाँगे फैला दी और उसकी चूत पर टूट पड़ा. कभी वो ऊँगली करता था तो कभी चाट ता था और कभी अपनी जीभ अन्दर कर से चूत को चोदता था जबान से.
रितिका की सिसकियाँ तो सातवें आसमान पर थी. वो बस आँखे बंध कर के मजे ले रही थी. फिर तरुण थोडा हटा और अपनी पेंट खोलने लगा. उसका ६ इंच का लंड तना हुआ था. उसने रितिका के हाथ में लंड दिया और वो उसे हिलाने लगी. तरुण ने उसे चूसने को बोला तो वो मानी नहीं बट थोड़ा फ़ोर्स करने के बाद उसने ३-४ किस लंड पर कर और १-२ बार चूसा उसे. तरुण अब पुरे मुड में था. और रितिका तड़प रही थी. उनके नो सेक्स की डील की तो माँ की आँख होनेवाली थी…
तरुण ने अपने लंड पर रितिका को थूंक लगाने को कहा और रितिका ने हाथ पर थूंक कर लंड पर मल दिया. फिर तरुण रितिका की चूत की और बढ़ा और उसने अपना थूंक चूत पर मल दिया.…
अब वो अपने घुटनों पर आया और रितिका की दोनों टाँगे खोली और धीरे धीरे से अपना लंड उसकी चूत में उतार दिया. दोनों कुछ देर के लिए रुके और फिर तरुण ने झटके देना चालू कर दिया. रितिका भी मदहोश हो गई थी. झटको के बिच तरुण रितिका के मोटे पेट और भी चांटे मार रहा था. दोनों की चुदाई २ मिनिट चली, दोनों पसीने में भीगे हुए थे और झटके देते देते तरुण चूत में ही झड़ गया और रितिका भी झड़ गई. दोनों ऐसे ही एक दुसरे के ऊपर लेटे रहे.
मुझे रितु के साथ सेक्स का चांस तो नहीं मिला लेकिन मैंने उसके बूब्स दबाये और उसे लंड चटाया वो कहानी फिर कभी आप को बताऊंगा!

लंड का करंट दिया भाई ने और फिर चोद दिया कपडे उतार के

मेरे प्यारे दोस्तों आपको मल्लिका का प्यार भरा नमस्कार, आज मैं आपके लिए एक कहानी लाइ हु, आज मैं आपको ये एहसास दिला दूंगा की आप भी मुझे चोद रहे हो, मैं आज आपको अपनी कहानी को जिवंत करने करने की कोशिश करुँगी, मेरी ये कहानी किसी और के बारे में नहीं बल्कि मेरे बड़े भाई के बारे में जो मुझसे 2 साल बड़ा है, मैं उसी से चुद गई,
मेरी उम्र २० साल है और मेरा भाई २२ साल का, उसका नाम पंकज है, हमलोग ग्वालियर से है, मैं देखने में काफी सुन्दर हु, मैं बचपन से ही थोड़े शांत स्व्भाव की हु, मुझे दोस्त बनाना अच्छा नहीं लगता है, मैं हमेशा भयभीत रहती थी की अगर कोई मुझे गर्ल फ्रेंड बना कर चोद दिया और मैं माँ बन गई वो भी बिन व्याही तो, इसलिए मैं कभी किसी को दोस्त नहीं बनाई, कई लड़के मेरे इर्द गिर्द घूमते रहते है पर मैंने किसी को भाव नहीं दिया और उससे पटी भी नहीं, पर ऐसा वाकया हुआ मेरे भाई के साथ की मैं चुद गई, मैं अपने भाई के लंड का करंट को बर्दाश्त नहीं कर पाई.
बात पिछले महीने की है, जब मैं चुदी थी भाई से वो भी दिल्ली के होटल में, मैं ग्वालियर से दिल्ली एग्जाम देने आई थी, एग्जाम के एक दिन पहले ही हमलोग आ गए और करोलबाग़ के एक होटल में ठहरे, दूसरे दिन एग्जाम था, तो दिल्ली के पुराना किला घूमने गए, पर पता नहीं था की पुराना किला में खूब सारे जोड़े होते है, जो कोई किश कर रहा होता है, तो कोई गोद में बैठाये होता है, झाड़ियों में कई लड़कियों को देखा वो अपने बॉयफ्रेंड का लंड चूस रही थी, मैं तो वह जाकर देखि और हैरान हो गई, सारे लोग खुले आम कर रहे थे, मेरे साथ तो मेरा भाई था, तो मैंने कहा पंकज भैया हमलोग गलत जगह आ गए, वो पंकज भैया बोले कोई बात नहीं मल्लिका हमलोग इस ऐतिहाहिक किले को देखेंगे, लोग कुछ भी कर रहा है उसके बारे में क्या करना, वो अपना काम कर रहा है.
पर मेरा मन नहीं मान रहा था, मैंने ज़िंदगी में ऐसा नजारा पहली बार ही देखि हु, तो मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था, वो भी लाइव, सच पूछिये तो मुझे लग रहा था की काश मुझे भी कोई ऐसे बाहों में जकड़ता तो क्या मजा आ जाता, मैं यही सब सोच रही थी, और एक दूसरे को देख रही थी, मेरा भाई भी उन सब को नीची निगाहों से देख रहा था, और वो मुझे भी घूर रहा था, मैं सोच रही थी की कास ये मेरा बॉयफ्रेंड होता तो अभी मैं उसके बाँहों में कसमसा रही होती, पर ये सब कुछ भी नहीं हो पाया और फिर वापस अपने होटल में चले गए, करते भी क्या कुछ हो भी नहीं सकता था,
होटल में एक ही कमरा लिया था, पर होटल बाले से एक्स्ट्रा बेड ले लिया था ताकि निचे मेरा भाई सो जायेगा, मैं ऊपर सो जाउंगी, पर रात को दोनों एक ही बेड पे सो के टीवी देख रहे थे, उसके बाद कब सो गए हम दोनों पता ही नहीं चला, जब रात को मेरी नींद खुली तो देखि मेर चूतड़ में कुछ लग रहा था, ध्यान से देखि तो भाई अपना लंड निकाल के मेरे चूतड़ से टिका रखा था, क्या बताऊँ दोस्तों मैंने जैसे ही लंड को अपनी चूतड़ में टिका देखा मेरे अंदर एक विजली दौड़ गई, ऐसा लगा की जोर से करंट लगा, थोड़ा झटक के अलग हो गई, पर ज्यादा देर अलग नहीं रह पाई और वापस फिर मैं अपने गांड को भाई के लंड के पास ले गई और हौले हौले से हिलाने लगी आगे पीछे करने लगी, क्या बताऊँ दोस्तों उसके बाद तो भाई का लंड शैतान बन गया और भी लंबा हो गया, मैं भी उसके लंड को गांड के बीचो बीच रखकर अंदर की दबाने लगी, पर वो भी कपड़ा पहन रखा था और मैं भी.
क्या बताऊँ रूम में कुछ अगर आवाज आ रही थी तो वो थी हम दोनों की साँसे जोर जोर से चल रही थी, उसके बाद एक दम से मैं घूम गई वो आँखे खोल कर देख रहा था और लम्बी लम्बी साँसे ले रहा था, फिर क्या था एक ही झटके में दोनों एक दूसरे को चूमने लगे, और वो मेरी चूचियों को दबाने लगा, फिर कब एक दूसरे के कपडे किसने कब उतारे पता भी नहीं चला और वो मेरी चूत को चाटने लगा और मैं उसके लंड को चूसने लगी दोनों 69 की पोजीशन में आ गए, अब तो सिर्फ आअह आआअह चाप चाआप की आवाज आ रही थी, उसके बाद मैंने कहा भाई अब देर मत करो, पर उसने कहा देर में ही तो मजा है, देख तेरी चूत कितनी गरम हो गई है, पानी भी छोड़ रहा है, तो मैंने कहा तुम भी कहा काम हो तेरे लंड से भी नमकीन नमकीन निकल रहा था, पर मैं बहुत भूखी हु आज दोपहर से जब से मैं पुराना किला से सब कुछ देखकर आई,
फिर क्या था वो ऊपर चढ़ गया और मेरी चूत में लंड घुसा दिया, पहले तो काफी दर्द हो रहा था, पर धीरे धीरे सब कुछ ठीक हो गया और सिर्फ कमरे में आॅफ़ उफ्फ्फ्फ्फ़ आआअह आआआह आआआह आआआह की आवाज निकल रही थी, और जोर जोर से धक्के मार रहा था, मुझे पहली बार ज़िंदगी का मजा आ रहा था, मैं बहुत खुश थी चुदवा के, करीब १ घंटे तक उसने मुझे चोदा, फिर दोनों एक दूसरे को चूम रहे थे और सहला रहे थे, फिर आधे घंटे बाद फिर से शुरू हो गए, क्या बताऊँ दोस्तों रात भर करीब ४ से पांच शॉट में चोदा, सुबह मैं पेन किलर खाई तो नार्मल हुई, मैं सही तरीके से चल चल भी नहीं पा रहा थी, पर मैं बहुत खुश थी, एग्जाम तो २ बजे खत्म हो गया पर हम दोनों ने प्लान किया की आज रात को रुकते है, घर में कह देंगे की ट्रैन छूट गई जाम की वजह से.
दूसरे रात भी वही रुके और फिर वही चुदाई चुदाई चुदाई, मजा आ गया था वो दो दिन दिल्ली के होटल में, फिर क्या अब तो हम दोनों एक दूसरे को खुश करते रहते है घर पे, पर जो छूट होटल में था वो कही नहीं, घर में डर डर के चुदवाना पड़ता है. 

ऑनलाइन मिली भाभी को पेनिस दे दिया

हेल्लो दोस्तों काफी दिनों के बाद चुदाई स्टोरी लिख रहा हूँ क्यूंकि काफी दिनों से काम में बीजी था. और हां स्टोरी से भी उम्मीद करता हूँ की ये भी आप को पसंद आये और अआप का प्यार मुझे कमेंट्स में देखने को मिले. चलिए अब ज्यादा दिमाग की चुदाई करने की बजाय आप को असली चुदाई की स्टोरी पर ले के जाता हूँ.
मेरा नाम हिरेन हैं और मैं गुजरात से हूँ, २७ साल का गभरू जवान! मेरे लंड का साइज़ ७ इंच हैं और चौड़ाई में पुरे ३ इंच का हैं. मुझे मच्योर लेडिस, भाभियों और आंटीज के साथ में चुदाई करना पसंद हैं.
ये भी वैसी ही एक भाभी की चुदाई की कहानी हैं जिसका नाम स्वेता हैं और वो बोम्बे से हैं. वो वहां पर अपने ससुराल में फेमली के साथ रहती हैं. उसका हसबंड बिजनेशमेन हैं और वो ज्यादा टाइम नहीं दे पाटा हैं अपनी वाइफ को. और वैसे भी उसकी शादी के ३ साल बाद भाभी को औलाद नहीं हुई इसलिए उसके हसबंड की सेक्स से रूचि खत्म जैसी ही हो चुकी थी. इतने में मैं भाभी के कांटेक्ट में आया और हम लोगों को रोज ढेर सारी बातें होने लगी, कभी कभी तो लेट नाइट्स में भी.
फिर हम एक दुसरे से अपनी सारी पर्सनल बातें भी शेयर करने लगे. और ऐसे ही एक दुसरे के करीब भी आ गए और एक दुसरे के क्लोज़ फ्रेंड हो गए. एक दिन स्वेता भाभी ने मुझे बताया की मेरा हसबंड मुझे वक्त ही नहीं देता हैं और मुझे प्यार भी नहीं करता हैं. वो मेरे लिए कभी टाइम निकालेगा भी नहीं शायद. मैंने सोचा की लोहा गरम हैं हथोडा मार ही देता हु. मैंने बोला मैं हूँ न आप के लिए भाभी. वो शर्मा गई और हंसने लगी. मेने बोला सच बोल रहा हूँ, आई लाइक यु. वो भी मान गई और बोली, आई लाइक यु टू.
फिर धीरे धीरे से लाइक लव में बदल गया पता ही नहीं चला. फिर वो एक दिन रोने लगी की किसीको मेरी परवाह ही नहीं हैं मेरी पड़ी नहीं हैं. मैं समझ गया की उसकी चूत अब मेरा लंड खाने को रेडी हैं और वो मिलने के लिए ही ये सब नौटंकी कर रही हैं. ये कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज़ डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं. मैं भी उसके मुहं से सुनना चाहता था की मुझे मिलने आओ. मगर वो नहीं बोली वैसे भी लेडीज़ चुदवाने के लिए मरी जाती हैं लेकिन जबान से बहनचोद कभी कुछ नहीं कहती हैं.
फिर मैंने उसको बोल दिया की मैं आप को मिलना चाहता हु, और आप के साथ कुछ अच्छा समय बिताना चाहता हूँ. वो मान गई और हमने मिलने का डेट फिक्स किया. मैं यहाँ से फ्लाईट में मुम्बई गया. वो मुझे रिसीव करने के लिए एरपोर्ट पर आई थी. मैंने जब उसे देखा तो एकदम शोक हो गया, साली क्या गजब की माल लग रही थी. उसका फिगर 34-32-34  का था. मैं तो तब ही पागल हो गया था और मेरा लंड उसकी चूत को पाने के लिए बेताब सा था.
फिर मैंने उसे हल्लो कहा और उसने मुझे हग कर के वेलकम किया. फिर टेक्सी पकड़ के हम लोग वहां से निकले. वैसे भी दोपहर हो गई थी तो उसने मुझे पूछा की लंच करेंगे तो मैंने बोला हां करना ही पड़ेगा क्यूंकि ताकत भी चाहियें होगी न. वो शर्मा गई और निचे देख के हंस पड़ी. हमने वही पास एक रेस्टोरेंट में लंच किया और फिर उसने होटल में जो कमरा बुक किया था हम दोनों वहां पहुँच गए.
मैंने कमरे में दाखिल होते ही उसको हग कर लिया और एकदम टाईट पकड़ लिया और वो भी पूरा सपोर्ट कर रही थी मुझे.
फिर मैं फ्रेश होने के लिए चला गया. कुछ देर में बाथरूम का दरवाजा नोक किया. मैंने पूछा क्या हुआ तो वो बोली दरवाजा खोलो ना. जैसे ही मैंने दरवाजा खोला वो बाथरूम में घुस आई और मुझे लिपट गई और वो भीग रही थी उसकी भी परवाह नहीं की उसने. मैंने उसका टॉप हटाया अन्दर उसने ब्लेक ब्रा पहनी हुई थी जिसमे वो एकदम सेक्सी लग रही थी. ब्रा को भी मैंने निकाल दी और भाभी की चुन्चियों को सक करने लागा. वो बोली धीरे कर मैं कही नहीं जानेवाली.
फिर वो पूरा न्यूड हो गई और हम साथ में नहाने लगे. फिर हम ऐसे ही न्यूड बहार आये. मैएँ उसको गोद में उठाके रखा था और सीधा ही उसको बिस्तर पर रख दिया और मैं उसके ऊपर कूद गया.
फिर हम किस करने लगे. ऐसे ही १०-१२ मिनिट किस किया फिर वो मेरा पेनिस पकड के सहलाने लगी. मैंने बोला इसको मुह में ले लो न मजा आएगा. वो मना कर रही थी. काफी इन्सिस्ट करने के बाद वो मान गई और पेनिस को चूसने लगी. मैं भी उसको सहला रहा था और उसके ब्रेस्ट दबा रहा था. फिर मैंने उसको सुला दिया और पेनिस उसकी पूस्सी पे रगड़ने लगा. वप बोली, जल्दी अन्दर डालो रहा नहीं जा रहा हैं मेरे से. लेकिन मैंने फिर भी उसको थोडा तड़पाया और अचानक से एक जोर का झटका लगाया और पेनिस सीधा उसके अंदर डाला, उसके मुहं से एक चीख निकल पड़ी!
फिर मैं जोर के झटके लगा रहा था और वो आह्ह आह्ह्ह ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह म्माआआअ ह्ह्हह्ह्ह्ह कर रही थी. पुरे बेडरूम में उसकी आवाज आ रही थी. फिर करीब १० मिनिट के बाद मैं झड़ गया. वो भी झड़ गई थी क्यूंकि आज मुझसे चुद के वो भी बहुत उत्तेजित हुई थी.
फिर हम ऐसे ही लेटे रहे. ५ मिनिट के बाद उसने अपने पैर से मेरे पेनिस को रगडा. फिर उसने मुह में ले लिया मेरे पेनिस को. और उसे एकदम से टाईट भी कर दिया. अब की वो मेरे ऊपर आई. मैंने उसका एस पकड़ा और पूस्सी में पेनिस दे दिया. वो मेरे ऊपर उछल के चुदाई करवा रही थी. ये कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज़ डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं. करीब १५ मिनिट बाद फिर से हम झड़ गए और ऐसे ही न्यूड लेते रहे एक दुसरे इ लिपट के. और फीर हम उठ के साथ में नहाने के लिए चले गए.
बाथरूम में नहाते वक्त मेरा पेनिस फिर से खड़ा हो गया, क्या करूँ तो थी ही इतनी सेक्सी माल. अब मैंने स्वेता भाभी को वही बाथरूम में ही पेनिस चुसाया और घोड़ी बना के उसकी पूस्सी की चुदाई की. फिर हम फ्रेश हुए और होटल से निकल गए.
वापिस आने के कुछ दिन बाद उसने मुझे गुड न्यूज़ भी सूना दिया की वो प्रेग्नेंट हैं और मेरे बच्चे की माँ बनने वाली हैं!

जेठ ने केले से गांड मारी मेरी

 मैं अनु आज अपनी एक असली सेक्स स्टोरी ले के आई हूँ. मैं दिल्ली की एक चुदासी भाभी हूँ जिसकी कल्पना आप जैसे लड़के करते हैं और मुठ मार के सो जाते हैं. मैं भी चाहती हूँ जवान लंड लेना लेकिन वो सब हर बार तो पोसिबल नहीं होता हैं. शादी के बाद बहुत सब को काफी बंदिशे होती हैं जैसे की मुझे. पति और जेठ जी का कारोबार साथ में हैं और पति चुदाई का अनुभव सीजनल मोड़ में देते हैं. शर्दियो में खूब देते हैं और गर्मियों में जैसे लंड की स्विच को बंघ कर देते हैं.
काश मेरी चूत में भी ऐसी कोई स्विच होती जिसे मैं ऑन ऑफ कर सकती. लेकिन चूत तो साली बेकाबू घोड़े के जैसे उफान मचाती हैं. और फिर मुझे मज़बूरी में घर के बंध कमरे में उसे हलानी पड़ती हैं और उसे दर्द देना पड़ता हैं मोमबत्ती का या केले का. और ये हादसा भी तब हुआ जब मैं अपनी चूत को केला खिला रही थी.
गर्मी के दिन थे. निचे फ्रूट के ठेलेवाला आया. जेठानी के मइके से कुछ लोग आये थे इसलिए वो उनके साथ बैठी थी. आज मौका था मेरे पास फ्रूट चुनने का. मैं जानबूझ के कुछ कच्चे केले भी पक्के केलों के साथ में ले आई. ऊपर आई तो देखा की जेठानी अपने रिश्तेदारों के साथ कही बहार जाने को रेडी दिख रही थी.
जेठानी: अनु मैं इनके साथ एक घंटे के लिए बहार जा रही हूँ. आप घर में रहोगी या साथ में चलोगी?
मैं: नहीं मैं घर पर ही हूँ भाभी.
जेठानी: सुधीर (मेरे जेठ का नाम) आये तो उन्हें खाना दे देना प्लीज़.
मैं: ओके.
उन लोगो के जाते ही मैंने एक कच्चा केले को लिया और ऊपर अपने बेडरूम में जा घुसी. कमरे में घुस के जल्दबाजी में दरवाजा बंध करना भी भूल गई. बिस्तर पर लेट के मैंने अपने घाघरे को ऊपर कर दिया और पेंटी को साइड में किया. चूत पर हाथ फेरा और उसके हल्के बालों में उंगलिया घुमाई. मेरी चूत पहले से ही पानी दे चुकी थी. केले को पहले नाक के पास ले के सुंघा और फिर थोड़ा चूस लिया. केले के ऊपर के भाग से मैंने काले रेसे जैसे हिस्से को निकाल फेंका ताकि वो मेरी चूत में फंस ना जाए.
फिर मैंने केले के अग्रभाग को अपनी चूत की फंको पर घिसा. वाऊ, क्या मस्त लग रहा था. मेरी चूत में जैसे सावन आ गया था और उसका और भी पानी निकल पड़ा. मैंने अभी तो उसके होंठो पर ही केले को लगाया था और चूत में क्या उभार आ गया था. फिर मैं केले को छेद की तरफ ले के गई. छेद पर रख के जैसे ही दबाया केला अन्दर आया गया. मैंने आधा केला अन्दर कर दिया और फिर उसे अन्दर बहार करने लगी. चूत में केला अन्दर बहार करते हुए ही मेरी नजर दरवाजे पर पड़ी तो मेरी गांड फट के हाथ में आ गई. वहां मेरा जेठ खड़ा हुआ था और मुझे देख रहा था.
बाप रे!!!!!!!! मैं फट से केला हटा के अपना घाघरा निचे कर दिया. वो अभी भी मुझे ही देख रहा था. फिर वो निचे चल पड़ा. मैं डरते हुए निचे आई तो वो डाइनिंग टेबल पर बैठे हुए थे. मैं अभी भी डरी हुई थी लेकिन उन्हें खाना भी तो देना था. मैं किचन में गई, मैंने तिरछी नज़रों से देखा तो सुधीर मेरी गांड को ही देख रहे थे. मैं एक पल के लिए दिल की धडकन चुक गई. किचन में खाना गर्म कर के वापस आई और डाइनिंग टेबल पर रख दिया. मैं पानी लेने ही मुड़ी थी की जेठ जी ने खड़े हो के मुझे अपनी बाहों में ले लिया.
मैं: क्या कर रहे हो आप?
सुधीर: तू क्या कर रही थी अंदर वो बता?
मैं कुछ नहीं बोल पाई लेकिन जेठ से चुदने का मैंने कभी सोचा नहीं था. वो बोले, आज तेरी सब गर्मी निकाल दूंगा मैं.
उनके मुह से ये डायलोग सुन के मैं सिहर गई. मैंने कुछ नहीं किया और थोडा सा छटपटाहट दिखाया. जेठ ने मुझे छाती से ही पकड़ लिया और मेरी चुन्चियों को दबाने लगे. मैं आह कर के रह गई. मेरी गांड उनके लंड के एकदम सामने थी और वो मुझे चिभ भी रहा था, एकदम गरम और सख्त था जेठ का लंड जिसका अहसास मैं ले रही थी अपने कूल्हों पर.
जेठ ने मेरी छातियो को दबाते हुए हाथ को ब्लाउज के अंदर डाला. मेरी निपल का दाना हाथ में ले क उसे दबा दिया. मुझे पेन हुआ लेकिन सेक्स की फिलिंग का जैसे इंजक्शन लग गया निपल के टच होते ही. मैं मदहोश हो गई और रिश्तो को भूल के जेठ जी के बालों को पकड़ के उन्हें अपनी तरफ खिंच बैठी. जेठ का लंड मेरी गांड की फांक में चिभ गया! जेठ के हाथ में अब मेरे निपल्स वन बाय वन आ रहे थे जिन्हें हिला के वो मुझे असली अन्तर्वासना का अहसास करवा रहे थे. मैं अब अपना हाथ निचे किया और उनकी पेंट के ऊपर हाथ रख के लंड को पकड लिया. मेरे पति से डेढ़ गुना लम्बा लग रहा था मुझे उनका लौड़ा.
जेठ ने मुझे अपनी तरफ घुमाया और मेरे ब्लाउज के बटन खोलने लगे. मैं शर्म से निचे देख रही थी. उन्होंने मुझे दाढ़ी से पकड़ के ऊपर किया और मेरी लिपस्टिक वाले होंठो को अपने रूखे होंठो से लगा लिए. मैंने भी उन्हें किस करने में पूरा सपोर्ट किया. किस करते हुए ही उन्होंने सब बटन खोल दिए और अन्दर की ब्रा भी उतार दी, मेरे चुंचे ३८ की साइज़ के उनके सामने थे. अब जेठ ने मेरी निपल्स को चूसा और बोले: काफी बड़े मम्मे हैं तेरे अनु, मेरी वाइफ से भी बड़े हैं.
मैं अपने बदन की तारीफ़ से खुश हुई और तभी जेठ ने मेरी गांड की फांक में ऊँगली डाल के मेरे एसहोल को हिलाया. मैं मदमस्त हो के उन्हें अपनी और जोर से खिंच बैठी.
जेठ: तुम्हारी भाभी आ जायेगी कुछ देर में, जल्दी करना होगा.
इतना कह के वो खुद भी न्यूड हो गए. मैंने उनके लंड को देखा तो खुश हो गई. पुरे ७ इंच का था और दिखने में किसी पोर्नस्टार के जैसा सफ़ेद. मैं अपनेआप को रोक नहीं पाई और लंड को मुह में ले के चूसने लगी. जेठ जी से मुह चुदवाने के बाद हम दोनों मेरे बेडरूम में चले गए. वहाँ जेठ ने मेरी टाँगे फैलाई और वो मेरी चूत को चाटने लगे.
चूत को थोड़ा चाट के जेठ: अरे वो केला कहा गया?
मैं: चद्दर के निचे हैं.
जेठ जी ने चद्दर हटा के केला बहार निकाला. और मुझे बिना कुछ कहे ही केले को मेरी गांड के छेद में फंसा दिया. मुझे काफी दर्द हुआ लेकिन चूत चटवाने के प्लीजर के आगे वो दर्द कम ही था. जेठ ने देखते ही देखते आधा केला मेरी गांड में भर दिया और जबान से चूत को पूरा साफ़ कर दिया उन्होंने.
दोस्तों उसके बाद की तो बात ही रंगीन थी. जेठ ने केले से मेरी गांड मारी और अपने बड़े लंड से मेरी चूत को चोदा. शायद मुझे केले से हस्तमैथुन करते देख वो समझ गए थे की मैं बड़ी प्यासी हु और इसलिए उन्होंने मेरे दोनों छेद को संतृप्ति दे दी!!!
दोस्तों उस दिन तो बस फास्ट फास्ट हो गया सेक्स हम दोनों का. लेकिन उसके बाद हम प्लान से सेक्स करते हैं. और वो सब सेशन लम्बे चले हैं. आप लोगों के लिए मैं मेरे जेठ के साथ की चुदाई की कुछ और कहानियाँ भी जल्दी ही शेयर करुँगी! तब तक आप लोगो ने हिंदी पोर्न स्टोरीज़ डॉट कॉम पर मेरी ये कहानी को पढ़ा उसके लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद!

कामवाली की झांट बना के चोदा उसे

हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम विनय हैं और मैं बंगाल ससे हूँ. मैं अभी २१ साल का हूँ और बी ए थर्ड इयर में स्टडी कर रहा हूँ. मेरी हाईट ५ फिट ४ इंच है और मेरा लोडा ६ इंच का हैं. मैं दिखने में ठीक ठीक हूँ हु और वैसे गोरा हु रंग में.
अब में आता हु मेरी लाइफ के सेक्स अनुभव पर जो मैं आप लोगो के साथ शेयर करना चाहता हूँ. ये उन दिनों की बात हैं जब मैं १२वी कक्षा में था. तब हमारे घर में एक कामवाली काम करती थी जिसका नाम अनीता था. (वैसे मैंने ये नाम बदला हुआ हे.)
वो दिखने में ज्यादा अच्छी नहीं थी, काली थी और उसका नाम भी नोर्मल से थोडा लॉन्ग था. और नक्षे में वो एवरेज थी. मैं उन दिनों में टीवी के ऊपर गंदे सिन और मुविस देखता था. और जब रोमांटिक गाना देखता था तो बोलीवुड की हिरोइन्स को देख के ही लंड खड़ा हो जाता था मेरा. अनीता जब कमरे में काम करती थी तो मैं उसकी बड़ी गांड को देख के आहें भरता था. मन तो करता था के पीछे से पकड़ के साड़ी उठा के अंदर अपना केला डाल के चोद डालूं!
एक दिन मन टीवी देख रहा था और वो काम कर रही थी मेरे घर पे. उस वक्त टीवी में कुछ हॉट सिन चल रहा था तब मेरा ६ इंच लम्बा लंड खड़ा हो गया और मुझे ये बात पता ही नहीं चली. और अनीता आंटी घर में झाड़ू लगा रही थी और वो मेरे पास आ गई वो भी मुझे पता ही नहीं चला. उसने मेरे लंड को देखा और बोली, अरे बाबा ये क्या कर रहे हो? मैंने फट से अपना हाथ पेंट के ऊपर से ले लिया और चौंक पड़ा! मैं शर्मा गया और डर के मारे उसको कहा, कुछ नहीं ,कुछ भी नहीं! और मैं वहाँ से चला गया.
फिर थोड़ी देर में जब मैं किचन की तरफ जा रहा था तब वो सामने आ गई. और मुझे लगा की वो जानबूझ के मेरे बदन से टकरा गई. उसके चुंचे मेरी चेस्ट से लड़ गए और प्रेस हो गए. वो मेरे सामने देख के स्माइल दे के चली गई. और वो अपने काम में लग गई. अब वो साली चांस लेने लगी थी. जब वो मेरे कमरे में काम करती थी अक्सर अपना गिरा हुआ पल्लू ऊपर नहीं लेती थी. मेरी नजर उसके चुन्चो पर पड़ती थी तो लंड में बवाल मच जाता था. मैं अब अनीता आंटी के नाम की मुठ मारने लगा था. साला वो खुल्ला चांस दे रही थी लेकिन मैं अब तक डरा हुआ था जैसे. मुठ मारते वक्त तो मैं उसे हरेक एंगल और पोस में लेता था, लेकिन सिर्फ ख्यालों में!
फिर मैंने सोचा की अब तो इस कामवाली की बुर लेनी ही पड़ेगी वरना सब स्पर्म गटर में चले जायेंगे. एक दिन मैंने उसके आने से पहले जानबूझ के हॉट सिन लगा लिया अपने लेपटोप पर और देखने लगा. मैंने लंड पर भी हाथ घिस के उसे कडक कर लिया. वो आई तो उसने मेरे लंड की तरफ देखा और मैंने उसे देखा!
वो चुपचाप थी. मैं उसके सामने बैठा था और मैंने उसे कहा, मेरा लंड ऐसे सिन देख के खड़ा हो जाता हैं ये क्यूँ होता हैं आप को पता हैं?
ये सुनकर उसने स्माइल दी और बोली, मैं तुमको ये नहीं बता पाउंगी! और वो वहाँ से चली गई.
कुछ दिन बीत गए, ऐसे ही चलता रहा.
एक दिन मैं अपने ट्यूशन से घर आया. मम्मी मौसी के साथ मार्केट गई थी और अनीता को घर का काम सौंप के गई हुई थी. आज चांस बड़ा मस्त था इस कामवाली आंटी को पेलने का!
मैं फ्रेश हो के टीवी ओन कर के बैठ गया और वो आके बोली, आप कुछ खाओगे? मैंने कहा, रोटी खाने का मन हो रहा हैं. वो बोली, रुको मैं अभी बना के लाती हूँ. और फिर वो बोली, तुम मुझे क्या मदद कर दोगे थोड़ी? मुझे सुबह से हाथ में दर्द हो रहा हैं.
मैंने कहा, क्यूँ नहीं चलो मैं मदद कर देता हूँ. उसने कहा की आटे का डब्बा निकाल दो और वो अपने हाथ में बर्तन ले के खड़ी हुई थी. मैं उसमें आटा रख रहा था और अचानक मेरा हाथ कमर से लग गया उसके. और कुछ आटा उसके पैर में और पेट पर लग गया और बोल उठी की ये क्या किया, चलो साफ़ कर दो ना!
ये सुनकर मैं आसमान से टकराया और फटाफट कमर में हाथ रख के उसे साफ़ करने लगा. वो स्माइल दे के बोली, आगे भी साफ़ कर दो ना पेट पर. मैंने उसकी तरफ देखा, वो स्माइल दे रही थी और अपने होंठो को दांतों से दबा रही थी. मेरा लंड कडक हो गया. मैंने उसकी नाभि के पास के हिस्से को टच किया. हाथ टच होते ही वो सिसकिया उठी! मैं धीरे से नाभि को टच किया और उसके अन्दर से आटे को बहार किया. मैंने उसकी तरफ देखा तो वो आँखे बंध कर के खड़ी हुई थी.
मैं ये सब देख के उत्तेजित हो गया था. वो सामने से लंड लेने के मूड में थी. मैंने नाभि के निचे हाथ किया तो वो सिहर उठी और उसके बदन में जैसे करंट दौड़ गया. मैंने धीरे से एक हाथ से उसकी गांड को टच किया. कामवाली अनिता की गांड एकदम चिकनी थी और मेरा हाथ जैसे फिसल सा गया. उसने आँखों को खोला और बोली, क्या कर रहे हो?
मैंने कहा, वही जो बहुत दिनों से करना था.
वो बोली, कोई आ गया तो?
मैंने कहा, चलो मेरे कमरे में.
वो मान गई और मैं रस्ते में उसके बूब्स दबाते हुए उसे कमरे में ले गया. सीधे ही बेड में गिर पड़ी वो. मैं उसके ऊपर आ गया और उसके बूब्स को दबाने लगा. फिर उसने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ के कहा, १८ साल में तो काफी बड़ा कर लिया हैं तुमने!
मैंने कहा, बोलो मत आज इस लंड को कमाल देखो सिर्फ!
फिर मैंने उसे जल्दी से पूरा न्यूड कर दिया. उसकी देसी चूत झांट की दूकान थी. सब तरफ बाल ही बाल थे. मैंने भी अपने कपडे खोले और उसकी छाती के ऊपर आ बैठा. फिर मैंने अपने लंड को उसके होंठो के पास रखा तो वो समझ गई की मैं क्या चाहता था. उसने मुहं खोला और लंड को चूसने लगी. २-३ मिनिट ही उसने लंड चूसा था की मुझे लगा की पानी छुट जाएगा. मैंने लंड को मुहं से निकाल लिया. अनीता ने अपनी चुन्चियो को दोनों तरफ से दबा के कहा, यहाँ पर घिसो न इसे.
मैंने अपने लौड़े को कामवाली के बूब्स के ऊपर घिसा. जब मेरा लंड निपल्स पर घिसता था तो वो आयी ऐईईई उईईइ म्माआआआअ हाईईई कर उठती थी. २ मिनिट के बूब्स टच से ही लंड निढाल हो गया और उसके बूब्स पर मैंने माल छोड़ दिया. मेरा फर्स्ट टाइम था इसलिए जल्दी ही छुट गया.
एक मिनिट के लिए मुझे लगा की हो गया हैं अब कुछ नहीं करना. वीर्य निकलने के बाद जो फिलिंग होती हैं वो आ गई. लेकिन आज मौका सही था, मेरे दिमाग ने मुझे कहा के ले ले इस रंडी की चूत को!
मैंने अनीता से कहा, चलो बाथरूम में मैं तुम्हारी झांट बना देता हु.
वो बोली, सच में?
मैंने कहा, हां और मैं फिर तुम्हारी क्लीन शेव्ड चूत को चोदुंगा.
हम दोनों न्यूड ही बाथरूम में घुसे. मैंने जिलेट के रेजर से उसका भोसड़ा शेव किया और गांड के छेद पर से भी बाल निकाले. उसने भी मेरे लंड के ऊपर से हलके हलके बालों को साफ़ कर दिया. फिर मैंने अनीता के बुर पर साबुन लगा दिया और उसमे ऊँगली डाल दी. वो सिहर उठी और मुझे मिन्नते करने लगी की जल्दी से अपना लंड दे दो मुझे!
मैंने कहा, इतनी जल्दी नहीं मेरी रंडी, पहले मेरे लंड को चूस के खड़ा कर दो.
अनीता चुदने के लिए मरी जा रही थी. उसने मेरा लंड मुहं में ले लिया और चूसने लगी. लंड को एक ही मिनिट में टाईट कर उसने कहा अब तो चोदो मुझे.
मैंने अपने लंड के सुपाड़े पर साबुन का झाग लगाया और उसकी टाँगे बाथरूम के फर्श पर लिटा के खोल दी. उसकी बुर का छेद काला था और अन्दर की लाल चमड़ी दिख रही थी. मैंने साबुन लगा हुआ लोडा चूत में पेल के अनीता को चोदना चालू कर दिया. अनीता ने मुझे गले से लगा लिया और चुदवाने लगी.
१० मिनिट की मस्त चुदाई के बाद मैंने अपना पानी अनीता के बुर में ही छोड़ दिया. वो खुश थी और बोली, आप का तो बड़े साहब से भी मस्त हैं.
मैंने कहा, तू पापा का भी लेती हैं साली रंडी!
वो बोली, हां और आप की मम्मी को भी ये पता हैं!
अब मैं समझा की क्यूँ मोम अनीता घर में हो तो अक्सर मेरा कमरा देखने के लिए आती थी. शायद उसे पता था की ये कामवाली आंटी मेरा भी ले लेगी!